एक ऐसा गाँव जहाँ खुबसूरत लड़कियां मर्दों के लिए तरसती है, फिर भी नहीं मिलता कोई मर्द तो उठाती हैं ये कदम

हमारे समाज में शादी न केवल दो लोगों का बल्कि दो परिवारों का भी मिलन होता है जिसके लिए ही हर माता-पिता अपनी संतान के लिए लड़के-लड़कियां चुनते हैं. हर माँ-बाप की भूमिका शादी के हर जरुरी फ़ैसले लेने में महत्वपूर्ण होती हैं लेकिन अगर हम आपको बोले कि दुनिया में एक ऐसी भी जगह है जहां जब मां-बाप को अपनी बेटी के लिए कुंवारे लड़के नहीं मिलते तो मजबूरन उन्हें कुछ ऐसा करना पड़ता है जिसे सुनने भर से ही आप हैरान रह जाएंगे. – एक ऐसा गाँव जहाँ खुबसूरत लड़कियां मर्दों के लिए तरसती है

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जी हाँ ब्राजील में एक ऐसा भी गाँव हैं जहां 18 से 30 साल तक की लड़कियों की संख्या पुरुषों से बेहद ज्यादा है जिसके चलते ही उन्हें जब बहुत ढूढने के बाद भी शादी के लिए लड़के नहीं मिलते तो उनके माँ-बाप को मजबूरन शादीशुदा मर्दों के साथ ही अपनी बेटियों की शादी करानी पड़ती है. यहाँ हर लड़की को अपनी शादी के लिए बहुत तरसना पड़ता है. इस गाँव में पुरुषों की कमी का आलम ये है कि कई लड़कियों को कुवारे लड़के नही मिलने की वजह से पूरी जिंदगी बिना शादी के भी रहना पड़ता है. – एक ऐसा गाँव जहाँ खुबसूरत लड़कियां मर्दों के लिए तरसती है

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इस गाँव में लड़कों की संख्या लड़कियों के मुकाबले बेहद कम है. आकड़ों की माने तो करीब 600 महिलाओ की आबादी वाली इस छोटी सी जगह पर करीब 300 से ज्यादा कुवारी लड़कियों को अपनी शादी के लिए लड़के ही नहीं मिल पाए हैं जिसके चलते या तो वो अभी तक कुवारी है या तो उन्होंने शादीशुदा मर्द से ही शादी कर ली है. – एक ऐसा गाँव जहाँ खुबसूरत लड़कियां मर्दों के लिए तरसती है

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एक पहलू इस गांव का ये भी है कि यहाँ कि लड़कियां चाहती हैं कि शादी के बाद लड़का उनके साथ इसी गांव मे आकर रहे और उनके तमाम नियमों का पालन भी करें. यहाँ खेती-किसानी इस गाँव के पुरुष नहीं बल्कि स्वं महिलाएं ही करती हैं क्योंकि ज्यादातर महिलाओं के पति या बालिक बेटे गांव से दूर शहर मे रहते हैं.

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बताते चले कि महिला बाहुल्य इस गाँव की नींव मारिया सनोरिया डिलिमा ने सदियों पहले साल 1851 में उस वक्त रखी थी जब उन्हें घर से निकाल दिया गया था. जिसके बाद ही उन्होंने मजबूत महिला समुदाय वाले इस गांव को बसाया और उन्हीं की वजह से यह गांव आज आबाद हुआ है.

 

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